महाकालेश्र्वर मंदिर उज्जैन के श्री महाकालेश्र्वर भारत के प्रसिध्द 12 ज्योर्तिलिंगों मे से एक ज्योर्तिलिंग उज्जैन नगर में स्थित हैं, उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक शहर हैं इसका प्राचीन नाम अवंतिका था यह क्षिप्रा नदी के किनारे बसा हैं।उज्जैन को मंदिरो का शहर कहा जाता हैं। महाभारत, पुराणों और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं में इस मंदिर का वर्णन किया गया हैं।
महाकाल को उज्जैन का राजा कहा जाता हैं महाकालेश्र्वर की मूर्ति दक्षिणमुखी होने के कारण अत्यंत महत्व हैं, भारत के 12 ज्योर्तिलिगों में से एक, महाकाल में लिंगम (स्वंय से पैदा हुआ), स्वंय के भीतर से शक्ति को प्राप्त करने के लिए माना जाता हैं। इसका शिखर आसमान में चढ़ता हैं,ऊपर गर्भगृह में ओंकारेश्वर शिव की मू्र्ति प्रतिष्ठित हैं गर्भगृह के पश्चिम, उत्तर और पूर्व में गणेश, पार्वती और कार्तिकेय कि मूर्ति स्थापित हैं।दक्षिण में नंदी की प्रतिमा हैं। यह मंदिर अपनी भव्यता के साथ विस्मय और श्रध्दा को उजागर करता हैं। मंदिर में रोजाना होने वाली आरती सबसे खास होती हैं जो भगवान शिव को जगाने के लिए का जाती हैं।